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गोदिया। महाविकास आघाडी सरकार द्वारा ओबीसी प्रवर्ग के राजकीय आरक्षण के लिए आवश्यक इम्पेरिकल डेटा
अपडेट नहीं किया गया तो ओबीसी आरक्षण खतरे में पड़ सकता है। इसलिए सरकार को इस महत्वपूर्ण विषय की ओर अनदेखी नहीं करनी चाहिए। क्योकि यह एक अवसर है। जिसे नियोजनपूर्वक इस्तेमाल कर ओबीसी प्रवर्ग को राजकीय आरक्षण दिला सकती है। यह बात विधान परिषद सदस्य तथा भाजपा नेता डॉ. परिणय फुके ने ट्विटर के माध्यम से कहीं है।
उन्होंने कहा है कि इंपीरिकल डेटा अपडेट करने संबंधी भाजपा नेताओं द्वारा बार-बार बताए जाने के बावजूद महाविकास आघाड़ी सरकार इस ओर गंभीरता से ध्यान न देते हुए हमेशा की तरह केंद्र सरकार की ओर अंगुली दिखा रही हैं। जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने डेटा एकत्रित करने का आदेश दिया। जिसके के बाद अब आरक्षण के लिए नियुक्त पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंप दी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार इस रिपोर्ट का उपयोग कर जल्द से जल्द कार्रवाई करें। सुनवाई में आयोग के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट निर्णायक साबित हो सकती है। हमारी राज्य सरकार से यही अपेक्षा है कि वह इस कार्य को गंभीरता से कर राज्य में ओबीसी का राजकीय आरक्षण सुनिश्चित करें।।उक्ताशय का कथन विधायक एवं भाजपा नेता परिणय फुके ने ट्विटर पर जारी अपने वक्तव्य में किया है।